भूमि से जुड़े विवादों को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने भू-आधार (Bhu Aadhaar Card) व्यवस्था शुरू की है, यह भूमि का आधार कार्ड होगा, जिसे Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN) भी कहा जाएगा. जिस तरह से भारत के हर नागरिक का आधार कार्ड बना हुआ है, इस तरह से भारत के सभी 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की जमीनों का विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार बनाया जाएगा.
भारत सरकार द्वारा इस व्यवस्था को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े रिकॉर्ड को डिजिटल करना तथा भूमि से जुड़े विवादों को कम करना है. आने वाले समय में सभी जमीन मालिकों को अपनी जमीन का भू आधार बनवाना आवश्यक होगा.
Bhu Aadhaar Card क्या है?
जिस तरह से भारत के प्रत्येक नागरिको का आधार कार्ड के माध्यम से 12 अंकों का विशिष्ट पहचान नंबर दिया गया है, इस तरह से भारत के सभी जमीनों का भू आधार बनाया जाएगा, जिसमें हर जमीन का अलग-अलग 14 अंकों का विशिष्ट नंबर होगा. सरकार की इस नई प्रणाली को 31 दिसंबर 2023 को पूरे राज्यों में लागू कर दिया गया था. इसके बाद से 24 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करते हुए इस प्रणाली को गति प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को अपने स्तर पर लागू करने की बात कही थी.
विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार के फायदे
- जमीन से जुड़े विवाद व लड़ाई-झगड़े जीवन भर के लिए समाप्त |
- -आधार से जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट होगा
- वर्तमान समय में जमीन के मालिक का नाम व उसका विवरण |
- खरीदने व बेचने में आसानी |
- जमीन की सेटेलाइट से जिओटैगिंग |
- जमीन का आकार Latitude & Longitude में |
- रियल स्टेट में फायदा |
- जमीन पर आसानी से लोन मिलना |
- जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड |
- न्यायालयों में लम्बित जमीनी विवाद का जल्द से जल्द निस्तारण |
- तहसीलों में जमीन से जुड़े मामलों में हो रहे भ्रष्टाचार को ख़त्म करना |